फतेहपुर। कोरोना वायरस संक्रमण से लोगो को बचाने के लिये सरकार द्वारा देशभर में लॉक डाउन किया गया हैं। जिसमे सरकार ने लोगो से घरो में रहने एवं जो जहाँ है वही रहने की अपील की है। सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई करने के लिये वाहनों एवं मरीजों की सुविधा के लिये एम्बुलेंस को भी आने जाने की छूट हैं लेकिन सरकार के नियमो को धता बताते हुए प्राइवेट एम्बुलेंस चालक मानव तस्करी में लगे हुए है। यह चालक शातिराना तरीके से मोटी रकम लेकर लोगों को एक जिले से दूसरे जिले तक पहुंचाने का काम करते है। सूत्रों की माने तो कानपुर जनपद के लिये एक बुकिंग का दाम चार हजार रुपये से लेकर दस हजार रुपये तक है। इसमें एक व्यक्ति को मरीज बनाकर व उसके साथ अधिकतम दो व्यक्तियों को तीमारदार के रूप के पहुंचाया जा सकता है। सौदा तय होने के बाद एक सवारी के नाम पर जिला चिकित्सालय से मिलीभगत के जरिए एक सवारी का ही फर्जी रिफर का कागज रिफर के जरिए ढोई तैयार कराया जाता है। फिर उस मरीज नुमा सवारी को एम्बुलेंस को मरीज की स्ट्रेचर पर लिटाकर कानपुर के लिये एम्बुलेंस को रवाना किया जाता है। सूत्र तो यहाँ तक बताते है कि नउवाबाग स्थित बाईपास के निकट लगे पुलिस बैरियर को पार करने के एवज में तीन सौ से पाँच सौ रुपये एवं कोल्ड्रिंक नमकीन व बिस्किट की पैकेट के साथ बैरियर से बेरोकटोक निकलने की अनुमति दी जाती है। रिफर के बहाने निकले इन एम्बुलेंस चालको द्वारा सवारियों को निर्धारित जगह उतारने के बाद दलालो के माध्यम से कानपुर से फतेहपुर आने वाली सवारियों की भी एडवांस बुकिंग रखी जाती है। मरीजों के नाम मिली सुविधा पर पुलिस एवं प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर खुलेआम सवारियों को धड़ल्ले से तस्करी की जा रही है। साथ ही लॉकडाउन का खुला उल्लंघन भी किया जा रहा । सूत्रों की माने तो सिंडिकेट के जरिए कानपुर व फतेहपुर से सवारियों को ढोने का गंदा खेल खेलने वाले प्राइवेट एम्बुलेंस चालको की जिला चिकित्सालय स्थित स्वास्थ कर्मियो से तगड़ी सेटिंग । जो हजार पंद्रह सौ रुपयों में किसी को फर्जी ढंग से मरीज बनाकर उसका कानपुर के अस्पताल के लिये रिफर बना देते है और एम्बुलेंस चालक मोटी रकम ऐंठकर मरीज बनाकर सवारियों को लॉकडाउन तोड़कर पुलिस व प्रशासन को धता बताते हुए एक जनपद से दूसरे जनपद पहुंचाकर मोटी कमाई कर रहे है। साथ ही लॉकडाउन का मजाक बना रहे है।